रेसिपी: कश्मीरी कहवा
सेवारत: 4 व्यक्ति
तैयारी का समय:
कुल समय: 15 मिनट
अवयव:
4 कप पानी
4 हरी इलायची की फली, हल्की कुचली हुई
केसर के 4-6 धागे
4 चम्मच ढीली हरी चाय की पत्तियाँ
4 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम
4 बड़े चम्मच कटे हुए पिस्ता
4 बड़े चम्मच शहद या चीनी (वैकल्पिक, मीठा करने के लिए)
तैयारी विधि:
एक सॉस पैन में पानी डालें और उबाल लें।
उबलते पानी में कुचली हुई इलायची की फली और केसर के धागे डालें।
आंच धीमी कर दें और स्वाद बढ़ाने के लिए पानी को 2-3 मिनट तक उबलने दें।
उबलते पानी में हरी चाय की पत्तियां डालें और इसे 2-3 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें।
भीगने के समय के बाद, चाय की पत्तियों और मसालों को हटाने के लिए चाय को छान लें।
छनी हुई चाय में कटे हुए बादाम और पिस्ता डालें।
यदि चाहें, तो चाय को मीठा करने के लिए स्वाद के अनुसार मात्रा समायोजित करते हुए शहद या चीनी मिलाएँ।
स्वीटनर घुलने तक अच्छी तरह हिलाएँ।
परोसने की प्रक्रिया:
गर्म कश्मीरी कहवा को अलग-अलग कप या चायदानी में डालें।
अतिरिक्त स्वाद के लिए प्रत्येक कप को केसर के कुछ धागों या कटे हुए मेवों के छिड़काव से सजाएँ।
कश्मीरी कहवा को पारंपरिक कश्मीरी स्नैक्स या बिस्कुट के साथ परोसें।
इस पारंपरिक कश्मीरी चाय के गर्म और सुगंधित स्वाद का आनंद लें।
नोट्स:
कश्मीरी कहवा कश्मीरी व्यंजनों में एक लोकप्रिय पारंपरिक चाय है जो स्वादों के अनूठे मिश्रण के लिए जानी जाती है।
हल्की या तेज़ चाय के लिए अपनी पसंद के आधार पर भिगोने का समय और हरी चाय की पत्तियों की मात्रा को समायोजित करें।
अपने स्वाद के अनुसार शहद या चीनी मिलाकर चाय की मिठास को बेझिझक अनुकूलित करें।
केसर, इलायची और मेवे मिलाने से कश्मीरी कहवा को एक अलग स्वाद और सुगंध मिलती है।
कश्मीरी कहवा पारंपरिक रूप से बिना दूध के परोसा जाता है, जिससे यह हल्का और ताज़ा पेय बन जाता है।
किसी भी बची हुई चाय को एक एयरटाइट कंटेनर में रखें और परोसने से पहले दोबारा गर्म करें।